January 26, 2016 भले ही लड़ लेना-झगड़ लेना, by Jharna Varshney भले ही लड़ लेना – झगड़ लेना, पिट जाना – पीट देना, मगर बोल – चाल बंद मत करना। क्योकि बोल – चाल के बंद होते ही, सुलह के सारे दरबाजे बंद हो जाते है। गुस्सा बुरा नहीं है। गुस्से के बाद आदमी जो बैर पाल लेता है, वह बुरा है।। Share: Category:Lifestyle, ThoughtsTag:Life, thoughts
0 Comment