July 24, 2017
Always try to be a lamp in someone’s life…
जल रहे हैं दीप देखो बुझने न पाएं कभी,
दीप हौं जिन हाथों में वो झुकने न पाएं कभी।
जल रहे हैं दीप देखो बुझने न पाएं कभी।
हो अँधेरा कर दो रोशन,
कर दो अपने नूर से,
भूला भटका हो कोई तो वो भी देखे दूर से ;
पाँव में ठोकर किसी के लगने न पाए कभी ,
दीप हों जिन हाथ में वो झुकने न पाएं कभी।
जल रहे हैं दीप देखो बुझने न पाएं कभी।
जिंदगी मेरी शमा बन कर यूँ ही जलती रहे ,
मैं भले गल जाऊं सबको रौशनी मिलती रहे ;
प्रेम की ये ज्योति पावन बुझने न पाएं कभी ,
दीप हौं जिन हाथों में वो झुकने न पाएं कभी।
जल रहे हैं दीप देखो बुझने न पाएं कभी।
जल रहे हैं दीप देखो बुझने न पाएं कभी ;
दीप हौं जिन हाथों में वो झुकने न पाएं कभी।
स्वर्गीय श्री मति शारदा वार्ष्णेय
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