Stay focused towards your Goal…
एक बार स्वामी विवेकानन्द के आश्रम में एक व्यक्ति आया जो बहुत दुखी लग रहा था। वह व्यक्ति आते ही स्वामी जी के चरणों में गिर पड़ा और बोला स्वामी जी मैं अपने जीवन से बहुत दुखी हूँ। मैं प्रतिदिन बहुत मेहनत करता हूँ , काफी लगन से काम करता लेकिन मैं सफल नहीं हो पाया। भगवान् ने मुझे ऐसा भाग्य क्यों दिया है कि मैं मेहनती होते हुए भी सफल नहीं हो पाया धनवान नहीं बन पाया।
स्वामी जी उस व्यक्ति की समस्या को तुरंत समझ गए। उन दिनों स्वामी जी के पास एक पालतू कुत्ता था। उन्होंने उस व्यक्ति से उस कुत्ते को सैर करा के लाने को बोला और कहा कि तुम इस को थोड़ी देर सैर करा के लाओ फिर मैं तुम्हारी समस्या का समाधान बताता हूँ।
उस व्यक्ति ने स्वामी जी को हैरानी से देखा फिर कुत्ते को सैर कराने के लिए ले गया। कुछ देर बाद अच्छी खासी सैर करने के बाद वह व्यक्ति स्वामी जी के पास वापस आया। स्वामी जी ने देखा कि व्यक्ति का चेहरा तो अभी भी चमक रहा था जबकि कुत्ता बहुत हांफ रहा था। स्वामी जी ने इसका कारण व्यक्ति से पूछा। तब वह व्यक्ति बोला कि मैं अपने सीधे रास्ते पे चला जबकि यह कुत्ता गली के सारे कुत्तों के पीछे भाग रहा था और लड़कर फिर मेरे पास वापस आ जाता था। हम दोनों ने सामान रास्ता ही तय किया लेकिन इस कुत्ते ने मुझसे ज्यादा व्यर्थ की दौड़ लगायी है इसीलिए ये थक गया।
स्वामी जी मुस्कुराये और बोले की यही तुम्हारे सारे प्रश्नों का उत्तर है कि तुम्हारी मंज़िल आस पास ही है लेकिन तुम मंजिल पे पहुंचने की वजाय और लोगों की दौड़ में शामिल हो जाते हो और अपनी मंजिल से दूर होते जाते हो।
सारांश : अपने मंजिल की तरफ ही अपना ध्यान लगाओ। अन्य लोगों को प्रभावित करने की होड़ में न दौड़ो सिर्फ अपने लिए दौड़ो और अपने लक्ष्य को प्राप्त करो।
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